बूढ़ी महिला की आवाज़, उम्र के कारण भारी, गुफानुमा कमरे में गूंज उठी। “इस पल तक,” उसने कहा, उसकी आँखें मेज के पार युवती पर टिकी हुई थीं, “मुझे लगा कि इस धरती पर मेरे अध्याय मेरी अंतिम सांस के साथ मिट जाएंगे, जैसे भुला दिए गए सपने।”

युवा महिला, माया, करीब झुक गई, उसकी आँखें भी प्रत्याशा से चौड़ी हो गईं। “लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे, है ना?”

बूढ़ी औरत हंस पड़ी, एक सूखी, सरसराहट भरी आवाज। “अब नहीं, बच्चे। यह प्राचीन जादू, यादों का यह स्थानांतरण, जीवन और… जो कुछ भी परे है, उसके बीच की खाई को पाट देता है।”

माया ने घबराहट में गले को निगल लिया। बूढ़ी औरत, तारा, यादों की आखिरी रखवाली थी, एक लुप्त हो रही परंपरा की एकमात्र संरक्षक। आज रात, माया उसका पात्र बन जाएगी, न केवल तारा की यादों को, बल्कि उसके पहले के अनगिनत जीवन के बोझ को भी विरासत में लेगी।

पूजा शुरू हुई। अगरबत्ती की गंध से हवा भर गई, और प्रतीक दूसरी दुनिया की चमक से भर गए। तारा की आवाज, जो कभी कमजोर थी, अब मजबूत हो गई, हंसी और आंसुओं, जीत और हार की कहानियाँ बुनती हुई। माया ने महसूस किया कि यादें बाढ़ की तरह आ रही हैं, छवियां शरद ऋतु के पत्तों की तरह घूम रही हैं: एक बच्चे की हंसी धूप से सराबोर जंगल से गूंज रही है, बिना चांद की रात में विश्वासघात का डंक, तारों से भरे आसमान के नीचे प्रेमी के आलिंगन की गर्मी।

दुनिया घुल गई, उसकी जगह जिंदगियों का चकराता ले लिया। माया एक लड़ाकू रानी, एक बुद्धिमान डॉक्टर, एक उदास कलाकार बन गई। हर जिंदगी ने अपनी एक छाप छोड़ी, उसकी आत्मा पर फुसफुसाहट, उसके अस्तित्व के कपड़े में बुना हुआ धागा।

जब अनुष्ठान खत्म हुआ, माया बाहर निकली, अब पहले जैसी नहीं थी। उसने सदियों का बोझ उठाया, हँसी और गम के गूँजे उसके चेहरे पर उकेरे थे। तारा, उसकी आँखें प्यारी सी शांति से भरी हुई, मुस्कुराई। “याद रखो, बच्चे,” उसने कहा, “ये यादें सिर्फ तुम्हारे रखने के लिए नहीं हैं। वे एक विरासत हैं, अतीत और भविष्य के बीच एक पुल।”

माया ने सिर हिलाया, आँखों में आंसू चमक रहे थे। वह समझ गई थी। वह सिर्फ यादें नहीं विरासत में ले रही थी; वह एक जिम्मेदारी विरासत में ले रही थी। ये कहानियां, ये जिंदगियां, अब उसकी थीं, साझा करने के लिए, सीखने के लिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि उन्हें कभी नहीं भुलाया जाए।

कमरे से बाहर निकलकर, माया सूर्योदय की ओर चल पड़ी, अतीत का बोझ उसके दिल में एक सुकून देने वाली मौजूदगी थी। वह अब सिर्फ माया नहीं थी, बल्कि अनगिनत कहानियों का एक बर्तन, यादों की स्थायी शक्ति का जीता जागता सबूत थी। तारा के लिए इस धरती पर अध्याय भले ही समाप्त हो गए हों, लेकिन माया के माध्यम से, वे चलते रहेंगे, हवा से अपनी कहानियाँ कहेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि विस्मृति में भी, जीवन की गूँज हमेशा गूंजती रहेगी।