धर्म दूसरा है, इंसानियत है पहले
धर्म के नाम पर ना करें दुश्मनी,
हम एक हैं जाती, धर्म विभागी,
लेकिन मानवता को हम भूल जाते हैं।

धर्म के नाम पर कभी न फैले हत्यारे,
इस दुनिया को बनाओ हम स्वर्ग |
कोई ना चिन्ता करेगा जाति की,
हम एक हो जाओगे मानवता की |

इंसानियत सबसे ऊंची,
धर्म दूजा बस एक जोड़ी है।
जब दिल में प्यार हो सच्चा,
तभी हम बनते हैं सबसे सुंदर इंसान।

धर्मों के झंडे उठाने से पहले,
हमें इंसानियत का सम्मान करना है।
क्योंकि हम सब एक ही धरती पे रहते हैं,
और एक ही माँ की गोद में बच्चे हैं ।

धर्म के नाम पर घरों को जलाना,
क्या है हमारे धर्म का स्वरूप?
इंसानियत को भूल जाना,
क्या है हमारे धर्म की शिक्षा?

हम सब में जो सामान्य है,
वो है इंसानियत का बना हुआ स्वरूप।
फिर आए हम दोबारा उस पर,
हमें तो बस यही याद रखना है।

इंसानियत सबसे ऊंची,
धर्म दूजा बस एक जोड़ी है।
हम सबको मिलकर रहना है,
ये संदेश हमें सबको बार बार याद दिलाना है।